गाजा में फिर तबाही के दिलदेहला देने वाले मंजर युद्धविराम की पड़ी हर उम्मीद धुंधली
इजराईल और गाजा के बीच हो रहा संघर्ष भयानक रूप लेता जा रहा है। खबर के अनुसार हवाई हमलों में गाजा में कम से कम 38 फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत हो गई है, जबकि दर्जनों लोग घायल हुए हैं। गाजा के अस्पताल अधिकारियों के द्वारा यह जानकरी रविवार को मिले।
रिहायशी इलाकों पर भी बरसे बम, दर्जनों नागरिक
घायल
इजराइली सेंना ने बताया रविवार और शनिवार को गाजा के अन्य
अन्य शहरो मे कम से कम 130 ठिकानो को निशाना बनाया।इनमें कई हमले रिहायशी इमारतों
और शरण लिए लोगों के शिविरों पर हुए। इस्राइली सेना का दावा है कि हमले हमास और
अन्य आतंकवादी समूहों के ठिकानों पर केंद्रित हैं।
अस्पतालों में घायल लोगों की भरमार, शरणार्थी भी बने
निशाना
गाजा शहर में
सेवा देने वाले शिफा अस्पताल के निदेशक मोहम्मद अबू सलीमिया के अनुसार, हमलों में
रिहायशी इमारतें पूरी तरह से ध्वस्त हो गईं, जिनमें 20 लोगों की मौंत और 25 घायल होने की पुष्टि हुई है। वहीं, दक्षिणी गाजा के
ख़ान यूनिस स्थित नासिर अस्पताल के अधिकारियों के मुताबिक, मुवासी क्षेत्र
में हुए एक अन्य हमले में 13
लोग मारे गए, ये सभी लोग उस
बस्ती मे शरण ले रहे थे जो युद्ध के कारण अपने घर से बेघर हो चुके हैं।
युद्धविराम की कोशिशें तेज, अमेरिका ने रखा
नया प्रस्ताव
यह हमले को उस समय अंजाम दिया गया जब इजरायल के
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने युद्धविराम प्रयासों को आगे बढ़ाने के
उद्देश्य से वाइट हाउस में वार्ता के लिए वॉशिंगटन जाने की तैयारी कर रहे हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 60 दिन के युद्धविराम की योजना पेश की है।
इसमें गाजा में मानवीय आपूर्ति में वृद्धि के बदले इजरायली बंधकों से रिहाई शामिल
है। प्रस्ताव में युद्ध को पूरी तरह समाप्त करने के लिए वार्ता की बात कही गई हैं।
खबर की माने तो अक्टूबर 2023 से शुरू हुए इस संघर्ष में
पिछले कुछ दिनों से हमेशा वृद्धि ही देखी गई है लगातार हवाई हमलों से गाजा में
रहने की स्थिति को बद से बदतर बना दिया गया हैं। दैनिक जीवन की जरुरत भोजन, पानी और दवाइयों
की आभाव के कारण एक बड़ा मानवीय संकट पूर्णत: मंडराता नजर आ रहा हैं।
संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों ने तत्काल
युद्धविराम और मानवीय राहत पहुँचाने की अपील की है। हालांकि, अभी तक किसी भी
पक्ष ने इस संघर्ष को समाप्त करने की ठोस दिशा में पहल नहीं की हैं।
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