भविष्य के युद्ध की झलक अमेरिका ने
शुरू किया लेज़र हथियारों का प्रयोग
अमेरिका की सेना ने पहली बार अपने एक आधुनिक लेज़र
हथियारों को युद्ध के स्तर पर तैयार किया है।यह तैनाती ओहायो के फोर्ट सिल इलाके
में की गई है। एक खास अभ्यास (military drill) के
दौरान इस हथियार को प्रयोग में लाया गया।
दुश्मनों
की सम्सया बढ़ी लेंजर बना प्रमुख हथियार
इस लेज़र हथियारों का
नाम DE M-SHORAD (Directed
Energy Maneuver Short-Range Air Defense) सिस्टम को Stryker
A1 8x8 आर्मर्ड व्हीकल पर
तैनात किया गया। इसका काम दुशमनो ड्रोन, रॉकेट, मोर्टार
जैसे हवाई हमलों को रोकना और ख्तम करना है। इस हथियार की खासियत यह है कि यह लेंजर
के किरणो से काम करता है मतलब यह कि इसको गोली या बारुद की जरुरत नही पड़ती।
लेजर
किरणो से काम करता है यह आधुनिक हथियार
यह हथियार खास तौर पर छोटे हवाई लक्ष्यो को तुरंत और स्टीक
तरीके से खत्म करने के लिए बनाया गया है। इसमें 50 किलोवॉट की ताकत वाला लेज़र लगा
है जो Group 1 से Group 3
तक के ड्रोन और छोटे हवाई यंत्रों को कुछ ही सेकंड में मार गिराने में सक्ष्म है।यह
सिस्टम को अमेरिका के 4th कैवेलैरी यूनिट द्वारा चलाए गए अभ्यास के दौरान
पहली बार सार्वजनिक तौर पर दिखाया गया। यह प्रयोग अमेरिका के रक्षा टेक्नोलॉजी
विभाग (RCCTO) की मदद से किया गया।
DE M-SHORAD सिस्टम को लेजर के साथ पारंपरिक
शॉर्ट-रेंज मिसाइलें भी जोड़ी गई हैं। इसका मतलब यह है कि अगर लेजर से कोई लक्ष्य
नही गिरता है तो पारंपरिक हथियार उसका काम पूरा करने में सक्ष्म होगी यह सिस्टम
अमेंरिका के सेना सुरक्षा को मजबूत बनाने मे मदद करती है।
भविष्य
के लिए उन्नत तकनीक की व्यवस्था
इस लेंजर हथियार का सबसे पहला फायदा यह है कि इसमे बारूद या
गोली की जरुरत नही होती यह बिजली से चलता है और बहुत तेजी से काम करता है साथ ही इसे दुबारा लोड करने की जरूरत नहीं पड़ती। इससे खर्च
भी कम होता है और काम भी तेज़ होता है। अमेरिका की योजना यह है कि आने वाले समय
में और भी उन्नत लेंजर सिस्टम तैयार की जाए जो बड़े हवाई हमलो से उनको सुरक्षित
करने में सक्ष्म हो। यह तकनीक आने वाले समय में युद्ध की तस्वीर को पूरी तरह बदल
सकती है।
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