ल़ड़कियों की जिंस में पॉकेट छोटी क्यों? डिजाइन में छिपा है
बड़ा राज
आपने कभी गौर किया है कि लड़कियो की जीन्स की
पॉकेट बेहद छोटी होती है या कई बार सिर्फ दिखावे के लिए बनी होती है जहां लड़को के
जिन्स के पॉकेट में मोबाइल, पर्स और चाबियों से लेकर छोटे सामान तक आसानी से आ
जाते हैं, वहीं लड़कियों की पॉकेट में ज्यादातर
एक सिक्का तक नहीं आता है यह कोई संयोग नहीं, बल्कि एक सोच-समझकर बनाई गई फैशन और मार्केटिंग की प्लानिंग है।
डिजाइन में झलकती है
पुरानी सोच
फैशन विशेषज्ञो का कहना है
कि महिलाओं के कपड़े को काफी लंबे समय से सिर्फ स्टाइल और लुक के नजरिये से डिजाइन
किया गया है न कि सुविधा के हिसाब से। पुराने जमाने में लड़कियो के कपड़े मे पॉकेट ही नही हुआ करती थी क्योकि लोग ऐसी सोच बना के चलते थे कि लड़कियो को कहा ही कोई खास जरूरत होती है कुछ समान रखने की वे पर्स
या थैला लेकर चलेंगी। यही सोच आज भी कहीं न कहीं डिजाइनों में झलकती है।
पर्स बनी मजबुरी से जरूरत
इसी वजह से अब कई जीन्स ऐसी भी आ चुकी हैं जिनमें पॉकेट का
कॉन्सेप्ट ही लगभग खत्म हो गया है। यानी, आज पॉकेट्स का इस्तेमाल कम और
दिखावा ज्यादा हो गया है। इसके अलावा बिज़नेस का भी इसमें बड़ा रोल है। कई फैशन
ब्रांड्स जानबूझकर लड़कियों के जीन्स की पॉकेट छोटी रखते हैं। ऐसा इसलिए ताकि वो
पर्स, स्लिंग बैग
और हैंडबैग जैसी एक्सेसरीज की जरूरत महसूस करें। इससे उनकी बिक्री भी बढ़ेगी और वो
अधिक मुनाफा भी कर पाएगे।
पॉकेट का बहाना – फिटिंग और कॉस्ट कटिंग
कई फैशन ब्रानड इस तर्क पर विशेष गौर फरमाते है कि अगर पॉकेट
गहरी और बड़ी बनाई जाए तो जीन्स का फिटिंग खराब हो जाएगा, लेकिन कई डिज़ाइनर्स और महिलाएं इसे सिर्फ एक बहाना मानती हैं। दरअसल, महिलाओं के जीन्स की पॉकेट छोटी होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं।
पहला कारण तो कॉस्ट कटिंग का माना जाता है। वहीं दूसरा और तीसरा कारण ये है कि कई
कंपनियां कपड़ों को बचाने में प्रॉफिट मानती हैं और ये एक फैशन ट्रेंड भी माना
जाता है।
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